Wednesday, May 12, 2010

तरबूजा

बाहर हरा  - भीतर लाल  , 
हलुआ मुझमें होता है  | 
लोहा होता मेरे अंदर  ,
भरा विटामिन होता है  | 
ठंडे - मीठे शरबत से  मैं  , 
गर्मी  सबकी दूर भगाऊँ  | 
बच्चे - बूढ़े  मुझे चाहते  , 
मैं तरबूजा कहलाऊँ  | 

लाला बजरंगीलाल

एक मन लड्डू सौ मन सत्तू ,
खाते लाला बजरंगीलाल  |
इसीलिए लाला की देखो , 
तोंद हो गयी ढोलम ढाल   |

चंदा ला दो

मुन्ना बोला एक दिवस ,
माँ मुझको चंदा ला दो |
खेलूँगा  मैं उसके संग ,
और खिलौने  भी ला दो |
पापा  जी से दूध मंगाओ,  
मीठी खीर बना दो माँ | 
खाऊँगा मैं उसके संग  ,
नीचे उसे बुला दो माँ  |








Tuesday, May 11, 2010

गाड़ी -गाड़ी

रानी बिटिया पापा से ,
एक दिवस बोली आकर |
पापा मम्मी बच्चों सब ,
खेलें गाड़ी -गाड़ी मिलकर  |
मम्मी मेरी गार्ड बनेगीं ,
पापा बन जायेंगे इंजन  |
सब बच्चों बन जाओ सवारी ,
हम सब घूमेंगें लन्दन  |

बन्दर जी

    
   सिर पर अपने  हैट लगाकर ,
गले में लेकर ढोल  |
  बन्दर जी देखो कह रहे ,
मैं  खोलूँगा  सबकी पोल  |

ईश्वर    
ई से होता ईश्वर है  
जगती का परमेश्वर है 
वह महा शक्ति का नायक है
हम सबका फल दायक है  |

Monday, May 10, 2010

सेब

मैं हूँ सेब लाल -लाल  |  
मैं हूँ सेब लाल - लाल  |
कोई मुझे कश्मीरी कहता
कोई शिमला वाला कहता
 जो भी मुझको खाता है          
हरदम रहता वह खुशहाल  | 
मैं हूँ सेब लाल - लाल  |
ऊर्जा का भंडार है मुझमें 
लोहा अपरम्पार है मुझमें 
शक्ति देता हूँ मैं सबको 
कर देता हूँ मालामाल  | 
मैं हूँ सेब लाल - लाल  |