Sunday, June 20, 2010

मुन्नी बेचारी पछताई

मम्मी जी ने दूध बनाया  
ताजा एक -  गिलास  |
मुन्नी जल्दी पी लो इसको 
रक्खा तेरे  - पास   |
मुन्नी जाकर लगी खेलने 
दूध की याद नहीं आई  |
बिल्ली आयी दूध पी गयी 
मुन्नी बेचारी- पछताई | 

Thursday, June 10, 2010

बन्दर बाबू

बन्दर बाबू सबके घर में ,
बिन पूछे घुस जाते हैं  |
जो भी देखें पड़ा सामने ,
ले चम्पत हो जाते हैं  |
एक दिवस चाचा जी की ,
पिस्तौल टँगी थी खूँटी  पर |
चुपके से पिस्तौल उठाकर ,
ले भागे  छत के ऊपर  |
बन्दर बाबू खेल रहे थे  ,
उसे खिलौना समझे थे |
इधर घुमाते ,उधर घुमाते ,
उसमे ही वह उलझे थे  |
तभी अचानक गोली चल गयी ,
धांय- धांय करके आवाज   |
भला ,निशाना चूक गया ,
नहिं,बन्दर बाबू मरते आज  | 

चंदा मामा

चंदा मामा , करते ड्रामा ,
जोकर  जैसे  लगते  हैं |
कभी यह छिपते , कभी निकलते ,
आंख मिचौनी करते हैं  |
कभी यह छोटे ,कभी बड़े  ,
रूप बदलते रहते हैं  |
रोज नये जादू दिखलाते  ,
हमें हँसाते  रहते हैं  |

Wednesday, May 12, 2010

तरबूजा

बाहर हरा  - भीतर लाल  , 
हलुआ मुझमें होता है  | 
लोहा होता मेरे अंदर  ,
भरा विटामिन होता है  | 
ठंडे - मीठे शरबत से  मैं  , 
गर्मी  सबकी दूर भगाऊँ  | 
बच्चे - बूढ़े  मुझे चाहते  , 
मैं तरबूजा कहलाऊँ  | 

लाला बजरंगीलाल

एक मन लड्डू सौ मन सत्तू ,
खाते लाला बजरंगीलाल  |
इसीलिए लाला की देखो , 
तोंद हो गयी ढोलम ढाल   |

चंदा ला दो

मुन्ना बोला एक दिवस ,
माँ मुझको चंदा ला दो |
खेलूँगा  मैं उसके संग ,
और खिलौने  भी ला दो |
पापा  जी से दूध मंगाओ,  
मीठी खीर बना दो माँ | 
खाऊँगा मैं उसके संग  ,
नीचे उसे बुला दो माँ  |








Tuesday, May 11, 2010

गाड़ी -गाड़ी

रानी बिटिया पापा से ,
एक दिवस बोली आकर |
पापा मम्मी बच्चों सब ,
खेलें गाड़ी -गाड़ी मिलकर  |
मम्मी मेरी गार्ड बनेगीं ,
पापा बन जायेंगे इंजन  |
सब बच्चों बन जाओ सवारी ,
हम सब घूमेंगें लन्दन  |